देहरादून। अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस पर राज्य सरकार ने प्रदेश की आधी आबादी को बड़ी सौगात दी है। सरकार ने सहकारिता के क्षेत्र में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जिसका शासनादेश जारी कर दिया गया है। सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इसे महिलाओं के हक में अभूतपूर्व फैसला बताते हुए कहा कि यह निर्णय महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने प्रदेशवासियों को अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के मंत्र के साथ सहकारिता के क्षेत्र को सशक्त बनाने की भी अपील की।
उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश की सहकारी संस्थाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। जिसके तहत न्याय पंचायत स्तर से लेकर राज्य स्तर तक की विभिन्न सहकारी संस्थाओं में अध्यक्ष, निदेशक व सदस्यों के पदों पर 33 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं के लिए रहेगा। इससे सहकारिता के क्षेत्र में वर्षों से कार्य कर रही महिलाओं को प्रोत्साहन मिलेगा और यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
उत्तराखंड राज्य सहकारी समिति निर्वाचन (संशोधन) नियमावली, 2024 लागू होने के बाद राज्य में 10 जिला सहकारी बैंकों, 670 बहुउद्देशीय सहकारी समितियों, और अन्य शीर्ष सहकारी संस्थाओं में महिलाओं की 33 फीसदी भागीदारी सुनिश्चित हो जाएगी। इसमें उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक, राज्य सहकारी संघ, आवास एवं निर्माण सहकारी संघ, प्रादेशिक को-ऑपरेटिव यूनियन, उपभोक्ता सहकारी संघ, रेशम फेडरेशन, को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन, भेड़-बकरी एवं शशक फेडरेशन, मत्स्य सहकारी संघ, श्रम निर्माण संविदा सहकारी संघ, सेब उत्पादक एवं विपणन सहकारी संघ, साइलेज उत्पादन एवं विपणन सहकारी संघ आदि शामिल हैं। इसके साथ ही सहकारी संस्थाओं में पुरुषों का एकाधिकार भी समाप्त हो जाएगा।
बयान– डॉ. धन सिंह रावत, सहकारिता मंत्री, उत्तराखंड
प्रधानमंत्री के ‘सहकार से समृद्धि‘ मंत्र के साथ सहकारी संस्थाओं में महिलाओं की 33 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित की गई है। उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जहां सहकारी संस्थाओं में आधी आबादी को 33 फीसदी आरक्षण दिया गया है। इस ऐतिहासिक निर्णय के उपरांत अब प्रदेश की एक दर्जन से अधिक सहकारी संस्थाएं महिलाओं के नेतृत्व में संचालित होंगी और महिला सशक्तिकरण की एक मिसाल कायम करेंगी।