रिपोर्ट–सुभाष बडोनी
उत्तरकाशी: सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर्ड कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस ए.के. सीकरी ने आज यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के पालीगाड से जानकीचट्टी तक के हिस्से का स्थलीय निरीक्षण किया। इस हिस्से में मौजूदा सिंगल लेन सड़क का चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत चौड़ीकरण प्रस्तावित है।
स्थानीय प्रतिनिधियों के विचार जानकीचट्टी में जस्टिस सीकरी ने जिला प्रशासन के अधिकारियों और स्थानीय प्रतिनिधियों से मुलाकात कर उनके विचार सुने। जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा कि यमुनोत्री धाम में तीर्थयात्रियों की संख्या में हर साल वृद्धि हो रही है, जिससे संकरे मार्गों पर यातायात की समस्या उत्पन्न हो रही है। उन्होंने कहा कि सड़क का चौड़ीकरण आवश्यक है ताकि श्रद्धालुओं की सुविधा और स्थानीय लोगों की आजीविका को सुगम बनाया जा सके।
पूर्व विधायक केदार सिंह रावत और अन्य स्थानीय प्रतिनिधियों ने बताया कि भूमि अधिग्रहण और मुआवजे का वितरण पहले ही हो चुका है, लेकिन सड़क चौड़ीकरण की योजना बाधित होने से क्षेत्र के विकास में बाधा उत्पन्न हो रही है। उन्होंने जस्टिस सीकरी से यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण की पुरजोर मांग की।
जस्टिस सीकरी के विचार जस्टिस सीकरी ने कहा कि कमेटी सभी पक्षों के विचारों और तथ्यों पर सम्यक रूप से विचार करेगी और अपने निष्कर्ष तैयार करेगी। इस निरीक्षण में सचिव लोक निर्माण उत्तराखंड डॉ. पंकज पांडेय और जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट भी सम्मिलित रहे।
परियोजना का संक्षिप्त विवरण
- धरासू बैंड से शुरू एनएच-134 विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम की यात्रा का मुख्य मार्ग है, जहाँ हर साल हजारों तीर्थयात्री आते हैं।
- चारधाम परियोजना के तहत एनएच-134 को 2-लेन में चौड़ा करने हेतु धरासू से पालीगाड़ तक कार्य प्रगति पर है।
- एनएच 134 के अंतिम पैकेज में पालीगाड से जानकीचट्टी (24.60 किमी लम्बाई) चौड़ीकरण कार्य 2018 में स्वीकृत हुआ था, लेकिन कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ है।
- इस हिस्से में मौजूदा सड़क सिंगल लेन है और सड़क के किनारे कई संकरे हिस्से हैं, जिससे चारधाम यात्रा के दौरान बार-बार ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न होती है।
- इस हिस्से में 10 स्थानों पर भूस्खलन एवं भू धंसाव होता है, जहां पर उपचार एवं सुरक्षा कार्य होना है।
निरीक्षण के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग खंड, लोक निर्माण विभाग और प्रशासन के अधिकारी भी उपस्थित रहे। सभी ने इस परियोजना के महत्व और आवश्यकता पर जोर दिया।