रिपोर्ट–सुभाष बडोनी
उत्तरकाशी: गंगोत्री धाम में मुख्य स्नान घाट की ओर जाने वाला मार्ग एक बड़े पत्थर से क्षतिग्रस्त हो गया है, जिसका निर्माण कार्य यात्रा के 15 दिन बाद भी पूरा नहीं हो पाया है। सिंचाई विभाग की चुप्पी और निष्क्रियता के कारण यात्रियों के लिए यह मार्ग खतरे का सबब बना हुआ है।
गंगोत्री धाम का मुख्य स्नान घाट का मार्ग सिंचाई विभाग की भारी मशीनों के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके बाद से अब तक इस मार्ग की मरम्मत नहीं की गई है। स्थिति इतनी गंभीर है कि वहां केवल एक इंच की पाइपलाइनों की रेलिंग लगाई गई है, जो किसी भी बड़े हादसे को निमंत्रण दे सकती है।
पूर्व व्यापार मंडल अध्यक्ष सतेंद्र सेमवाल ने बताया कि इस मार्ग से गंगोत्री मंदिर के दर्शन के लिए जाने से पहले यात्री गंगा स्नान के लिए आते हैं, जिससे इस मार्ग पर भारी भीड़ रहती है। इस स्थिति में किसी भी प्रकार की चूक पर बड़ा हादसा हो सकता है। यात्रा शुरू होने से पहले जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान सिंचाई विभाग और नगर पंचायत को मार्ग सही करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अब सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने इससे पल्ला झाड़ रखा है। इस समय भारी संख्या में यात्री गंगोत्री धाम आ रहे हैं, जो माँ गंगा के दर्शन और गंगा स्नान के लिए घाट पर उतरते हैं। घाट क्षतिग्रस्त होने से किसी भी यात्री को नुकसान हो सकता है, बावजूद इसके विभाग चुप्पी साधे बैठा है।
मोनी बाबा आश्रम गंगोत्री धाम के महंत कौशल किशोर दास ने बताया कि इस समस्या के संबंध में उत्तरकाशी जिलाधिकारी को सूचित किया गया था, लेकिन सिंचाई विभाग खामोश बैठा है। निर्माण कार्य भी गलत तरीके से किया गया है, जिससे पुरानी दीवार पर नए फाउंडेशन के कारण यह निर्माण सही रूप नहीं ले पाया है। सिंचाई विभाग ने अपनी गलती को छुपाने के लिए एक तिरपाल का सहारा लिया है, जो किसी भी समय बड़े हादसे का कारण बन सकता है।
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा कि बिना पंजीकरण के किसी भी व्यक्ति को यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी और यात्रा व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
यात्रा के शुरुआती 15 दिनों में यमुनोत्री धाम में 186,744 और गंगोत्री धाम में 176,793 यात्री पहुंच चुके हैं, जबकि पिछले वर्ष 2023 में यात्रा के शुरुआती 15 दिनों में यमुनोत्री धाम में 92,583 और गंगोत्री धाम में 104,830 तीर्थयात्रियों का आगमन हुआ था। इस बार यात्रियों और वाहनों की संख्या में भारी वृद्धि के बावजूद यात्रा सुव्यवस्थित ढंग से चल रही है।
कुल मिलाकर, गंगोत्री धाम के इस मार्ग की दयनीय स्थिति और संबंधित विभागों की निष्क्रियता से यात्रा में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं। यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस मार्ग का शीघ्र मरम्मत कार्य आवश्यक है, ताकि किसी भी संभावित दुर्घटना को टाला जा सके।