देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय से राज्य के 95 विकासखंडों में महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) से वर्चुअल संवाद करते हुए उन्हें “लखपति दीदी से करोड़पति दीदी” बनाने के संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा कि मातृशक्ति ही उत्तराखंड की सामाजिक और आर्थिक क्रांति की सबसे बड़ी संवाहक है और शासन-प्रशासन को मिशन मोड में कार्य करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण का नया अध्याय लिखा जा रहा है। वर्तमान में राज्य में 68,000 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से लगभग 5 लाख महिलाएं संगठित होकर स्वरोजगार और उद्यमिता की दिशा में कार्य कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी सरकारी कार्यक्रमों में केवल महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों का ही उपयोग किया जाए — चाहे स्मृति चिन्ह हों, शॉल हों या भेंट वस्तुएं।
उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को ग्रोथ सेंटरों में महिलाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने के निर्देश देते हुए कहा कि SHG उत्पादों की गुणवत्ता, पैकेजिंग और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से विपणन को प्राथमिकता दी जाए।
औद्योगिक क्रांति में महिलाओं की भागीदारी पर बल
सीएम धामी ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के बाद उत्तराखंड में दूसरी औद्योगिक क्रांति की शुरुआत हुई है और इसका लाभ महिला समूहों तक पहुंचाना आवश्यक है। उन्होंने महिलाओं से सुझाव भी आमंत्रित किए कि राज्य में SHG की पहुंच और प्रभाव को कैसे बढ़ाया जा सकता है।
सशक्त बहना उत्सव योजना बनी गेमचेंजर
सीएम धामी ने वर्ष 2023 में शुरू की गई “मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना” का जिक्र करते हुए कहा कि इसके माध्यम से राज्य की बहनों ने 27 हजार स्टॉल के जरिए 7 करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री की। प्रदेश के 13 जनपदों में 33 नैनो पैकेजिंग यूनिट्स, 17 सरस सेंटर, 3 राज्य स्तरीय विपणन केंद्र और 8 बेकरी यूनिट्स संचालित किए जा रहे हैं।
‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ और ‘Hilans’ ब्रांड बन रहे पहचान
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ और ‘Hilans’ जैसे ब्रांड्स के माध्यम से SHG उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिला रही है। देहरादून व हरिद्वार रेलवे स्टेशनों पर भी ‘वन स्टेशन, वन प्रोडक्ट’ योजना के अंतर्गत महिला समूहों के उत्पाद बेचे जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री का स्वदेशी आग्रह
सीएम धामी ने मातृशक्ति से आग्रह किया कि प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सशक्त बनाने के लिए स्वदेशी उत्पादों के अधिकतम उपयोग को प्राथमिकता दें।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, अपर सचिव झरना कमठान, सभी जिलाधिकारी व महिला स्वयं सहायता समूहों की हजारों महिलाएं वर्चुअल माध्यम से जुड़ी रहीं।