- सहकारिता विभाग की अनूठी पहल, नाबार्ड के सहयोग से चारधाम यात्रा में कैश की किल्लत खत्म
- गंगोत्री से लेकर हेमकुंड तक कैश ऑन व्हील्स: सहकारी बैंक की मोबाइल एटीएम वैन बनी यात्रियों की सहायक
देहरादून | 17 जून 2025 चारधाम यात्रा को अधिक सुलभ और व्यवस्थित बनाने की दिशा में उत्तराखंड सरकार ने एक और सराहनीय कदम उठाया है। तीर्थ यात्रियों को नगदी संकट से उबारने के लिए राज्य सहकारिता विभाग और नाबार्ड के सहयोग से मोबाइल एटीएम वैन की सुविधा विभिन्न चारधाम मार्गों पर उपलब्ध कराई जा रही है।
रुद्रप्रयाग के सोनप्रयाग से लेकर चमोली के माणा गांव और हेमकुंड साहिब तक, अब श्रद्धालुओं को हजारों फीट की ऊंचाई पर भी कैश की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। ये सचल एटीएम वैन तीर्थ यात्रा मार्गों पर भीड़-भाड़ वाले और दुर्गम इलाकों में तैनात की गई हैं, ताकि यात्रियों को हर समय नगदी की सुविधा मिलती रहे।
उत्तराखंड जिला सहकारी बैंक द्वारा संचालित और नाबार्ड के वित्तीय सहयोग से संचालित ये मोबाइल एटीएम वैन केदारनाथ घाटी के फाटा, गुप्तकाशी, बद्रीनाथ, जोशीमठ, माणा और हेमकुंड जैसे क्षेत्रों में लगातार सेवाएं दे रही हैं। सेना के जवानों से लेकर तीर्थयात्रियों तक, सभी को इस पहल से लाभ मिल रहा है।
सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा,
“चारधाम यात्रा में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए चलती फिरती एटीएम वैन एक महत्वपूर्ण सुविधा बन चुकी है। हमारे लक्ष्य हैं कि किसी भी यात्री को नकदी की समस्या का सामना न करना पड़े। यदि आवश्यकता महसूस हुई तो और वैन बढ़ाई जाएंगी।”
इस सुविधा को लेकर तीर्थयात्रियों का भी सकारात्मक फीडबैक मिल रहा है। उनका कहना है कि मोबाइल एटीएम सेवा ने यात्रा को काफी सुविधाजनक बना दिया है, खासकर तब जब दूर-दराज़ इलाकों में कोई अन्य बैंकिंग सुविधा नहीं मिलती।
सचिव सहकारिता व प्रशासक, राज्य सहकारी बैंक, श्री दिलीप जावलकर ने जानकारी दी कि वर्तमान में
- तीन मोबाइल एटीएम वैन यात्रा मार्गों पर तैनात हैं,
- एक वैन गंगोत्री-यमुनोत्री मार्ग (उत्तरकाशी) पर,
- दो वैन रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों के बद्रीनाथ व हेमकुंड मार्गों पर सक्रिय हैं।
उन्होंने आगे कहा कि इन वैन के माध्यम से प्रतिदिन हजारों यात्री नगदी की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं, और इन्हें यात्रा काल के दौरान 24×7 उपलब्ध रखा गया है।
निबंधक सहकारी समितियां, सोनिका ने इस पहल को ‘सहकारी बैंक द्वारा तीर्थयात्रियों के लिए मूल्यवान भागीदारी’ बताया और नाबार्ड के सहयोग को इसकी सफलता में केंद्रीय कारक माना।