मसूरी: मसूरी से 15 किलोमीटर दूर स्थित दूधली भद्रराज पहाड़ी पर भगवान बलराम के मंदिर में आयोजित दो दिवसीय भद्रराज मेला भव्य रूप से सम्पन्न हो गया। इस मेले में जौनसार, पछवादून, जौनपुर, मसूरी, विकास नगर, देहरादून समेत विभिन्न क्षेत्रों से हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान बलराम का दूध, घी, मक्खन और दही से अभिषेक किया।
मेले के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया, जिसमें लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। भगवान बलराम का यह मंदिर उत्तराखंड में एकमात्र है, जहां भगवान भद्रराज की पूजा होती है।
भद्रराज मंदिर समिति द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों को भद्रराज गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने इस मेले को राजकीय मेला घोषित कर दिया है, जिससे इसके महत्व और प्रतिष्ठा में और इजाफा हुआ है।
मंदिर समिति के अध्यक्ष राजेश नौटियाल ने बताया कि भद्रराज मंदिर और मेला समय के साथ बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दशकों से इस मंदिर में मेला आयोजित किया जा रहा है, और अब यह स्थल आस्था के साथ-साथ पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बन गया है।
मंदिर के पुजारी युगल किशोर तिवारी ने बताया कि महाभारत काल में भगवान बलराम ने इस क्षेत्र में भ्रमण किया था और गौपालकों को प्रवचन दिया था। ग्रामीणों की मान्यता है कि भगवान बलराम ने यहां एक राक्षस का वध किया और उनके पशुओं की रक्षा की, जिसके बाद इस मंदिर की स्थापना की गई।
भद्रराज मेला अब एक महत्वपूर्ण धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में उभर रहा है, जहां भक्त और पर्यटक दोनों ही भगवान बलराम के दर्शन के लिए आते हैं और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते हैं।